Mathura: उत्तर प्रदेश के मथुरा में पानी की टंकी गिरने से दो लोगों की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश जल निगम (शहरी) के तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हादसे की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई गई है।
मथुरा के कृष्णा विहार इलाके में टंकी ढहने से उसके मलबे में दबकर दो महिलाओं की मौत हो गई थी और 11 लोग घायल हो गए, राज्य सरकार की तरफ से जारी बयान के मुताबिक असिस्टेंट इंजीनियर ललित मोहन, जूनियर इंजीनियर बीरेंद्र पाल और रवींद्र प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही तत्कालीन असिस्टेंट इंजीनियर दिव्यांशु कुमार सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच शुरू की गई है।
उत्तर प्रदेश जल निगम (शहरी) ने तीन कंपनियों और कई कर्मचारियों के खिलाफ मथुरा के कोतवाली पुलिस स्टेशन में धारा 304 के तहत एफआईआर दर्ज की है। मामले से जुड़ी तकनीकी कमियों की जांच के लिए यूपी जल निगम गाजियाबाद रीजन के चीफ इंजीनियर की अगुवाई में जांच कमेटी बनाई गई है।
कमेटी गहन जांच करने और डिटेल रिपोर्ट तैयार करने के लिए आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर जैसे संस्थानों से मदद मांगेगी, मथुरा जिला प्रशासन ने वाटर टैंक ढहने की जांच के लिए चार सदस्यों की कमेटी बनाई है और उसे एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
पैनल की अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद डीएम दोषियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए अपनी सिफारिशें सरकार को भेजेंगे। डीएम ने बताया कि जल निगम ने गंगाजल पेयजल परियोजना के तहत छह करोड़ रुपये की लागत से टैंक 2021 में बनाया गया था, उनके मुताबिक हादसे के पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा और आस-पास के घरों को हुए नुकसान का सर्वे कराया जाएगा।