New Delhi: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पदभार संभाला, इससे पहले उन्होंने दिल्ली में वॉर मेमोरियल पर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जनरल द्विवेदी ने कहा कि “मैं भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के बीच बेहतर तालमेल बनाने की कोशिश करूंगा, इससे राष्ट्रीय हितों की रक्षा होगी।”
जनरल द्विवेदी ने बाद में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया और सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच “तालमेल” बनाने की दिशा में काम करने की कसम खाई। रायसीना हिल्स में साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से बातचीत में सेना प्रमुख ने कहा कि वे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए सेना में स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर को शामिल करने को बढ़ावा देंगे।
सेना प्रमुख ने कहा कि “मैं देश और सभी नागरिकों को आश्वस्त करता हूं कि भारतीय सेना सभी मौजूदा और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार और सक्षम है।” सेना प्रमुख की ये टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच आई है।”
जनरल द्विवेदी 19 फरवरी को सेना के उप प्रमुख का कार्यभार संभालने से पहले 2022-2024 तक उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रहे थे, उन्होंने 13 लाख जवानों वाली सेना की कमान ऐसे समय में संभाली है जब भारत चीन के साथ एलएसी पर कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि “मेरा प्रयास रहेगा कि भारतीय थल सेना, नौ सेना और वायु सेना तथा अन्य स्टेक होल्डर के संर्पूण समन्वय से यानि इस एनर्जी के साथ कॉन्फ्लिक्ट के फुल स्पेक्ट्रम में ऑपरेशन के लिए सदैव तत्पर रहें। इससे भारत के राष्ट्रहितों को सुरक्षित किया जा सकेगा और हम विकसित भारत 2047 की दिशा में राष्ट्र निर्माण का एक प्रमुख स्तंभ बन सकेंगे। सेना के सभी रैंक और डिफेंस सिविलियंस के हितों और कल्याण का ध्यान रखना मेरी प्राथमिकता रहेगी। पूर्व सैनिक वीर नारी और उनके परिवार के प्रति मेरी जिम्मेदारी एक पवित्र प्रतिबद्धता है और मैं अपने इस विस्तारित परिवार को पूर्ण समर्थन और सहायता का आश्वासन देता हूं। मुझे सौंपे गए इस उत्तरदायित्व के प्रति मैं पूरी तरह से सचेत हूं और मैं देश और भारतीय नागरिकों को विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय सेना हर तरह की चुनौती का समना करने के लिए पूर्णतः सक्षम और तैयार है।”